चर्चा में क्यों?
नई दिल्ली के कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) पर 26 जनवरी 2025 को आयोजित होने वाले 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो मुख्य अतिथि होंगे। यह एक ऐतिहासिक संयोग है क्योंकि 26 जनवरी 1950 को भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे।
2024 में, 75वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों थे।
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गणतंत्र दिवस: क्या है महत्व?
भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन 1950 में भारतीय संविधान लागू हुआ था। यह दिन देश में गणराज्य की स्थापना का प्रतीक है। इस खास मौके पर भारत सरकार हमेशा किसी विदेशी नेता को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित करती है। हालांकि, 1952, 1953, 1966, 2021 और 2022 में किसी विदेशी अतिथि को आमंत्रित नहीं किया गया।
राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो की भारत यात्रा
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो 25 और 26 जनवरी 2025 को भारत की आधिकारिक यात्रा पर आएंगे। अक्टूबर 2024 में इंडोनेशिया के 8वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी।
अपनी इस यात्रा के दौरान, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य भारतीय नेताओं से मुलाकात करेंगे। साथ ही, भारत और इंडोनेशिया के बीच द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। भारत और इंडोनेशिया के रिश्ते हमेशा से गहरे और ऐतिहासिक रहे हैं। दोनों देश 1961 में गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक सदस्य रहे हैं।
गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि का चयन कैसे होता है?
गणतंत्र दिवस समारोह के लिए विदेशी नेताओं का चयन भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा किया जाता है। मुख्य अतिथि चुनने से पहले कई बातों पर विचार किया जाता है, जैसे:
- भारत और उस देश के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संबंध।
- संबंधित देश के नेता की उपलब्धता।
विदेश मंत्रालय प्रधानमंत्री से इस चयन की मंजूरी लेने के बाद, संबंधित देश के राजदूत से संपर्क करता है। अगर विदेशी नेता सहमत होते हैं, तो प्रधानमंत्री की ओर से औपचारिक निमंत्रण भेजा जाता है।
गणतंत्र दिवस परेड और उसकी झलकियाँ
नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन रक्षा मंत्रालय करता है। इस परेड में भारत की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता और राज्यों की झांकियों की शानदार प्रस्तुति होती है।
विदेशी मुख्य अतिथियों का इतिहास
- पहले मुख्य अतिथि (1950): इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो।
- पहली महिला मुख्य अतिथि (1961): यूनाइटेड किंगडम की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय।
- पाकिस्तान से मुख्य अतिथि:
- 1955 में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद।
- 1965 में पाकिस्तान के मंत्री राणा अब्दुल हमीद।
- नोबेल पुरस्कार विजेता:
- दक्षिण अफ्रीका के नेल्सन मंडेला (1995)।
- म्यांमार की आंग सान सू की (1991)।
- फ्रांस के जैक्स शिराक:
- 1976 में प्रधानमंत्री के रूप में।
- 1998 में राष्ट्रपति के रूप में।
- अमेरिकी राष्ट्रपति: 2015 में बराक ओबामा।
- ASEAN देशों के नेता (2018): दक्षिण-पूर्व एशिया के सभी 10 देशों के प्रमुख।
- मिस्र के राष्ट्रपति (2023): अब्देल फत्ताह-अल सीसी।
फ्रांस के राष्ट्रपति (2024):इमैनुएल मैक्रों।
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