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Indigenous Paracetamol production technology by CSIR (in Hindi)

Paracetamol production technology by CSIR

Paracetamol production technology by CSIR- भारत सरकार के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने Paracetamol के उत्पादन के लिए स्वदेशी तकनीक विकसित की है, जो भारत को दवा निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। Union Minister of State (Independent Charge) for Science and Technology, Dr. Jitendra Singh ने 5 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में Department of Scientific and Industrial Research (DSIR) के 40वें स्थापना दिवस पर इस उपलब्धि की घोषणा की।

Paracetamol निर्माण में स्वदेशी तकनीक का महत्व/ Importance of indigenous technology in Paracetamol manufacturing

  • Paracetamol, एक सामान्य दर्द निवारक और बुखार कम करने वाली दवा है जिसका उपयोग भारत में व्यापक रूप से किया जाता है।
  • वर्तमान में, भारत दवा निर्माण के लिए आवश्यक कई कच्चे माल (Active Pharmaceutical Ingredients – APIs) का आयात करता है।
  • CSIR द्वारा विकसित यह तकनीक किफायती और घरेलू स्तर पर Paracetamol उत्पादन को संभव बनाएगी, जिससे भारत की आयात पर निर्भरता भी कम होगी।

तकनीक हस्तांतरण: सत्य दीप्था फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड/ Technology Transfer: Satya Deeptha Pharmaceuticals Limited

  • इस स्वदेशी तकनीक को कर्नाटक स्थित Satya Deeptha Pharmaceuticals Limited को Transfer किया गया है, जो घरेलू स्तर पर Paracetamol उत्पादन का कार्य करेगी।
  • यह पहल न केवल दवा की लागत को कम करेगी, बल्कि भारत में औषधि उत्पादन के लिए नई तकनीकी क्षमताओं को भी विकसित करेगी।

नेफिथ्रोमाइसिन: पहली स्वदेशी एंटीबायोटिक/ Naphythromycin: The first indigenous Antibiotic

इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने Naphythromycin का भी उल्लेख किया, जो भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित एंटीबायोटिक है।

  • इसे दवा प्रतिरोधी जीवाणु संक्रमण के इलाज के लिए Biotechnology Industry Research Assistance Council के सहयोग से विकसित किया गया है।
  • यह Antibiotic भारत की स्वास्थ्य प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (DSIR): 40वें स्थापना दिवस की उपलब्धियां/ DSIR’s Achievements of 40th Foundation Day

  • DSIR की स्थापना 1985 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य स्वदेशी प्रौद्योगिकी का संवर्धन और विकास करना है।
  • 40वें स्थापना दिवस के अवसर पर, CSIR ने 16 नई तकनीकों को निजी कंपनियों को हस्तांतरित किया।
  • “100 दिन 100 प्रौद्योगिकी कार्यक्रम” के तहत, CSIR ने विभिन्न उद्योगों के लिए उपयोगी प्रौद्योगिकियों का विकास किया है।

CSIR: भारत के वैज्ञानिक और औद्योगिक विकास की रीढ़/ CSIR: The backbone of India’s scientific and industrial development

  • स्थापना: 1942 में भारतीय वैज्ञानिक और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से।
  • नेटवर्क: 37 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के साथ, यह संगठन दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक अनुसंधान संस्थानों में से एक है।
  • मुख्यालय: नई दिल्ली।
  • अध्यक्ष: भारत के प्रधान मंत्री।
  • महानिदेशक: डॉ. एन. कलैसेल्वी।

Paracetamol तकनीक का प्रभाव/ Paracetamol तकनीक का प्रभाव

  1. आयात पर निर्भरता में कमी: स्वदेशी तकनीक के कारण भारत को APIs आयात करने की आवश्यकता कम होगी।
  2. किफायती दवाओं का निर्माण: घरेलू उत्पादन से दवाओं की कीमतें कम होंगी, जिससे आम जनता को सस्ती चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी।
  3. नवाचार और रोजगार: नई तकनीक उद्योग में नवाचार और रोजगार के अवसर प्रदान करेगी।

स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता: भारत का स्वास्थ्य क्षेत्र वैश्विक स्तर पर और मजबूत होगा।

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