राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया सात चरणों में पूरी हुई, जिसमें 1948 से 1956 तक का समय लगा। पहले चरण में मत्स्य संघ का गठन हुआ, जिसमें अलवर, भरतपुर, धौलपुर, और करौली जैसे क्षेत्र शामिल हुए। दूसरे चरण में राजस्थान संघ बना, जिसमें कोटा, बूंदी, और झालावाड़ जैसी रियासतें जोड़ी गईं। तीसरे चरण में संयुक्त राजस्थान में उदयपुर रियासत को जोड़ा गया। चौथे चरण में वृहद राजस्थान बना, जिसमें जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर को शामिल किया गया। पाँचवें और छठे चरण में मत्स्य संघ और सिरोही का विलय हुआ। अंततः, 1 नवंबर 1956 को आधुनिक राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में आया, जिसमें अजमेर-मेरवाड़ा और अन्य क्षेत्र शामिल किए गए। इस प्रक्रिया ने राजस्थान को उसकी वर्तमान राजनीतिक और भौगोलिक पहचान दी।
चरण | तिथि | नाम | सामिल रियासतें/किनारे | प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री | राजप्रमुख (राजधानी) | विशेष विवरण |
प्रथम चरण | 18 मार्च, 1948 | मत्स्य संघ | अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली और नीमचाना (किशनगढ़) | शोभा राम कुमावत, अलवर | महाराजा उदयपुर सिंह, धौलपुर | नामकरण – ए.एम. मुंशी, उदघाटनकर्ता – पं. वी. गाडगिल |
द्वितीय चरण | 25 मार्च, 1948 | राजस्थान संघ | कोटा, बूंदी, झालावाड़, टौंक, शाहपुरा, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और किशनगढ़ | गोकुल लाल असावा, शाहपुरा | महाराजा भीम सिंह (कोटा) | उदघाटनकर्ता – ए.वी. गाडगिल |
तृतीय चरण | 18 अप्रैल, 1948 | संयुक्त राजस्थान | पूर्व राजस्थान संघ में उदयपुर रियासत शामिल | माणिक लाल वर्मा, उदयपुर | महाराणा भूपाल सिंह (उदयपुर) | उदघाटनकर्ता – पं. जवाहरलाल नेहरू |
चतुर्थ चरण | 30 मार्च, 1949 | वृहद राजस्थान | राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर शामिल | हीरालाल शास्त्री, जयपुर | महाराजा सवाई मान सिंह (जयपुर) | उदघाटनकर्ता – सरदार पटेल |
पंचम चरण | 15 मई, 1949 | संयुक्त वृहद राजस्थान | वृहद राजस्थान में मत्स्य संघ शामिल | हीरालाल शास्त्री, जयपुर | महाराजा सवाई मान सिंह (द्वितीय), जयपुर | डॉ. शंकर राव देव समिति की सिफारिश से मत्स्य संघ शामिल किया गया। |
छठा चरण | 26 जनवरी, 1950 | राजस्थान संघ | सिरोही का राजस्थान में विलय (आबू-दिलवाड़ा को छोड़कर) | हीरालाल शास्त्री, जयपुर | महाराजा सवाई मान सिंह (जयपुर) | राजस्थान (बी श्रेणी का राज्य) |
सातवां चरण | 1 नवंबर, 1956 | आधुनिक राजस्थान (वर्तमान स्वरूप) | अजमेर-मेरवाड़ा, आबू-दिलवाड़ा (सिरोही) व मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील का सुनेल टप्पा शामिल किया गया। झालावाड़ का सिरोंज उपखंड मध्य प्रदेश को दिया गया। | मोहनलाल सुखाड़िया (मुख्यमंत्री काल में) | राजप्रमुख पद समाप्त और राजस्थान पद का प्रांरभ (जयपुर) | 7वें संशोधन से राज्यों की अखिल भारतीय सीमांकन (राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों पर) |