झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। मुख्य रूप से दो गठबंधन मैदान में हैं: इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)। आइए, जानते हैं कि इन गठबंधनों में सीटों का बंटवारा कैसे हुआ है और इससे राज्य की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारा
JMM और कांग्रेस की भूमिका
इंडिया गठबंधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस प्रमुख दल हैं। दोनों पार्टियों ने मिलकर 81 में से 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। हालांकि, किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, इसका स्पष्ट विवरण अभी नहीं दिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि शेष 11 सीटों पर अन्य सहयोगी दलों, जैसे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और वामपंथी दलों के साथ बातचीत जारी है।
RJD की नाराजगी
इस बंटवारे से RJD असंतुष्ट नजर आ रही है। पार्टी के नेता मनोज झा ने इसे एकतरफा फैसला बताते हुए कहा कि RJD ने 15 से 18 सीटों की पहचान की है, जहां वह अकेले भाजपा को चुनौती दे सकती है।
NDA में सीट बंटवारा
भाजपा और सहयोगी दल
NDA में सीटों का बंटवारा स्पष्ट हो चुका है। भाजपा 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) को 10 सीटें मिली हैं। जनता दल (यूनाइटेड) को 2 और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को 1 सीट दी गई है।
गठबंधन की रणनीति
भाजपा ने आजसू, जदयू और लोजपा के साथ मिलकर गठबंधन किया है, जिससे राज्य में मजबूत चुनावी रणनीति बनाई जा सके। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने विश्वास जताया है कि यह गठबंधन झारखंड में सत्ता में वापसी करेगा।
चुनावी परिदृश्य और संभावित प्रभाव
इंडिया गठबंधन की चुनौतियां
इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर असंतोष और विवाद सामने आ रहे हैं, जिससे चुनावी रणनीति प्रभावित हो सकती है। RJD की नाराजगी और वामपंथी दलों के साथ बातचीत में देरी से गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं।
NDA की तैयारी
NDA ने समय रहते सीट बंटवारे को अंतिम रूप देकर चुनावी तैयारियों में बढ़त बना ली है। भाजपा और उसके सहयोगी दल मिलकर चुनाव प्रचार में जुट गए हैं, जिससे उन्हें लाभ मिल सकता है।
निष्कर्ष
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में सीट बंटवारे को लेकर दोनों प्रमुख गठबंधनों में अलग-अलग रणनीतियां और चुनौतियां सामने आई हैं। जहां NDA ने सीट बंटवारे को स्पष्ट करते हुए चुनावी अभियान तेज कर दिया है, वहीं इंडिया गठबंधन में कुछ असंतोष और विवाद उभरकर सामने आए हैं। आगामी चुनावों में इन बंटवारों का प्रभाव मतदाताओं के रुझान और चुनावी परिणामों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।